धन न्योछावर कर रहे हैं जन को बचाने के लिए, हम उनको वर्तमान के हर्ष वर्धन कहे। धन न्योछावर कर रहे हैं जन को बचाने के लिए, हम उनको वर्तमान के हर्ष वर्धन कहे।
अपनी बात खुलकर रखने में वो नि: संकोच ही सचमुच वीर है । अपनी बात खुलकर रखने में वो नि: संकोच ही सचमुच वीर है ।
छोड़ कर संग इसका क्यों ना तुम खुद को जीवन प्रदान करो। छोड़ कर संग इसका क्यों ना तुम खुद को जीवन प्रदान करो।
नारीत्व की महानता का सम्मान बढ़ाती है। नारीत्व की महानता का सम्मान बढ़ाती है।
बस चले गए, कहीं तुम चले गए, छोड़ कर ये सूनी रातें , कुछ अधूरी अधूरी बातें ! बस चले गए, कहीं तुम चले गए, छोड़ कर ये सूनी रातें , कुछ अधूरी अधूरी बाते...
जग के बंधन तोड़ के आज, मन से मन को मिल जाने दो जग के बंधन तोड़ के आज, मन से मन को मिल जाने दो